नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र ने कहा, जिस विमान दुर्घटना में निधन बताया गया वह तो उड़ा ही न था

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र ने कहा, जिस विमान दुर्घटना में निधन बताया गया वह तो उड़ा ही न था


आजाद हिंद फौज के सेनापति नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत को लेकर उनके प्रपौत्र सोमनाथ बोस ने तमाम सवाल खड़ा किए हैं। सोमनाथ बोस ने विकृत तरीके से पेश किए गए नेताजी के इतिहास को सुधारने की बात कही।


पड़रौना शहर में आयोजित युवा संकल्पोत्सव कार्यक्रम में शामिल होने आए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र एवं नमो सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमनाथ बोस ने आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान के जिस जहाज दुर्घटना में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत की बात कही गयी है, वह विमान तो उड़ा ही नहीं था। यही नहीं मौत की बताई जाने वाली तारीख भी झूठी है। मौत की जांच के लिए बनाए गए शाहनवाज आयोग की रिपोर्ट भी झूठी थी। 


उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मेरे दादा न्यायाधीश सुरेश चंद्र बोस को भारत में ही बैठकर बनाई जाली रिपोर्ट पर हामी भरने को कहा था। जब दादा ने ऐसा करने से मना किया तो उन्हें लालच भी दिया गया। उन्होंने कहा कि नेताजी की कथित मौत की जांच को बने शाहनवाज कमीशन में जस्टिस शाहनवाज खान के साथ मेरे दादा सुरेश चंद्र बोस भी शामिल थे। ताइवान, कोरिया, जापान, सिंगापुर, वियतनाम, बर्मा आदि देशों में जांच के बाद टीम ने रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में उल्लेख है कि 18 अगस्त 1945 को जिस विमान में नेताजी की मौत होना बताया गया, वह उड़ान ही नहीं भरा था।


इसका उल्लेख भी मेरे दादा द्वारा डिशेंशिएंट रिपोर्ट नामक किताब में किया गया है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मुखर्जी कमीशन बनाई थी, उसकी रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर मेरे दादा की रिपोर्ट की प्रति, नेताजी से जुड़ी फाइलों को उजागर कराने की मांग की थी। इसमें से कई फाइलों को हाल ही में उजागर भी किया गया है। सोमनाथ बोस ने कहा कि इतिहास को अब तक विकृत रूप में पेश किया गया है, उसमें सुधार की आवश्यकता है। 


उन्होंने कुशीनगर के युवाओं का उत्साह देख सराहना व्यक्त की। कहा कि बुद्ध की धरती पर भी ऐसे युवा हैं, जो देश के लिए मर मिटने का जज्बा रखते हैं।